Monday, October 13, 2008

मुझे तेरी मुहब्बत का ..............

इस गाने के बारे में ज्यादा कुछ नही जानती। बस इसे कुछ दिन पहले पहली बार सुना 'rafi reconstructed' नाम के कार्यक्रम में, जब सोनू निगम ने ये गाना गाया। इस गाने की धुन और शब्द कुछ ऐसे हैं की दिल को छू गए। गाना कुछ इस प्रकार है,

दिल शाद था की फूल खिलेंगे बहार में,
मारा गया गरीब इसी ऐतबार में।

मुझे तेरी मुहब्बत का सहारा मिल गया होता,
अगर तूफां नही आता किनारा मिल गया होता।

न था मंजूर किस्मत को,
न थी मर्ज़ी बहारों की,
नही तो इस गुलिस्ता में
कमी थी क्या नज़रों की,
मेरी नज़रों को भी कोई नज़ारा मिल गया होता,
अगर तूफा नही आता किनारा मिल गया होता।
मुझे तेरी........................

खुशी से अपनी पलकों को,
में अश्को से भिगो लेता,
मेरे बदले तू हंस लेती,
तेरे बदले में रो लेता,
मुझे ए- काश तेरा दर्द सारा मिल गया होता,
अगर तूफा नही आता किनारा मिल गया होता।
मुझे तेरी.......................


मिली है रौशनी जिनको,
ये उनकी अपनी किस्मत है,
मुझे अपने मुकद्दर से,
फकत इतनी शिकायत है,
मुझे टूटा हुआ कोई सितारा मिल गया होता,
अगर तूफा नही आता किनारा मिल गया होता,
मुझे तेरी..............




2 comments:

  1. are ye to evergreen song hai rafi sahab ka...khoob bajta hai vividh bharti par

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  2. maine to nahi suna ye geet..magar sundar bahut hai...!

    mujhe chand chaiye par post likhte hue aaj pahali baar aayi aap ke blog par aur bahut achchha laga aa kar.

    all the best in your life

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