Friday, March 28, 2008

आदतन तुम ने कर दिए वादे.

आदतन तुम ने कर दिए वादे,
आदतन हम ने ऐतबार किया
तेरी राहों मे बारहा रुक कर,
हम ने अपना ही इंतज़ार किया।
अब न मांगेंगे ज़िंदगी या रब,
ये गुनाह हम ने एक बार किया।
(गुलज़ार)








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