दर्द अपनाता है पराये कौन,
कौन सुनताहै और सुनाये कौन।
कौन दोहराए वो पुरानी बात,
दर्द अभी सोया है जगाये कौन।
वो जो अपने हैं क्या वो अपने हैं,
कौन दुःख झेले आजमाये कौन।
अब सुकून है तो भुलाने में है,
लेकिन उस शख्स को भुलाए कौन।
आज फिर दिल है उदास उदास ,
देखिये आज याद आए कौन।
( जावेद अख्तर)
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