शम्मा जलाये रखना, जब तक के मैं न आऊं।
ख़ुद को बचाए रखना, जब तक के मैं न आऊं।
जिन्दा-दिलों से दुनिया जिंदा सदा रही है,
महफिल सजाये रखना जब तक के मैं न आऊं।
ये वक्त इम्तिहा है, सबरो-करार दिल का,
आंसू छुपाये रखना, जब तक मैं न आऊं।
हम-तुम मिलेंगे ऐसे जैसे जुदा नही थे,
साँसे बचाए रखना, जब तक के मैं न आऊं।
शम्मा जलाये रखना, जब तक के मैं न आऊं।
गायक- भूपिंदर एवं मिताली जी
गीतकार( पता नही)
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